पीआईएल-पीआईएल खेलने वाले आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपनी एक नंबर की ही संपत्ति इतनी दिखाई है कि वो दो नंबर की सीमा पार कर गयी है। उनकी पत्नी के नाम नौ प्लॉट हैं। अभी एसेट्स और बचत का विवरण उन्होंने नहीं दिया है। उसके लिए एक महीने का समय माँगा है। दो चार दिन में इतनी अधिक संपत्ति का ब्यौरा कैसे दिया जा सकता है ? निकले थे भ्रष्टाचार से लड़ने ! दरअसल बात ये है कि ये सवर्ण अफ़सर दलित-पिछड़ी जनता की तरह उनके नेताओं को भी ऐन-गैन समझते हैं।
ठाकुर साहब ! काश आप गुजरात में होते ! संपत्ति तो आपके पास उत्तर-भारत में नौकरी करने की अपेक्षा कई गुना अधिक होती लेकिन अगर यहाँ के किसी बड़े नेता के खिलाफ़ (जो कोई पटेल और भाजपाई ही होता) ऐसा कुछ करते जैसा कि धरतीपुत्र के साथ किया है, तो यहाँ के पटेल आपके साथ ऐसा हेड-टेल खेलते कि आप पीआईएल-पीआईएल खेलना भूल जाते।
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