Dilip C Mandal साहब की पोस्ट पूर्ण सहमति के साथ -----
प्रिय प्रोफ़ेसर रामगोपाल यादव,
मैंने पिछले दिनों यहीं फेसबुक पर जानना चाहा था कि यूपी में कितने यादव एसपी और डीएम हैं, तो मुझे जो आँकड़ा मिला वह चौंकाने वाला था। मैंने आपको यह आइडिया दिया कि समाजवादी पार्टी यूपी के तमाम उच्च पदों का सामाजिक ब्यौरा दे। आपने आज यह आँकड़ा ज़ारी कर दिया।
लेकिन प्रोफ़ेसर साहब, यह आँकड़ा देखकर मेरे मन में एक ख़्याल आ रहा है। आपने यादवों को यूपी शासन के उच्च पदों से लगभग बाहर रखा है, या कम जगह दी है, यह तो सब जान गए हैं। मेरे फेसबुक पर कराए सर्वे से भी यह पता चल चुका था।
सवाल नहीं है कि यादव नहीं है। सवाल यह है कि वे कौन हैं जो आपकी पार्टी के राज में यूपी के तमाम उच्च पदों पर बैठे हैं? आपकी सरकार ने सारे बड़े पद किसे दे दिए हैं? यूपी में यादवराज नहीं है तो किसका राज है।
आपकी लिस्ट जवाब कम देती है और सवाल ज्यादा खड़े करती है। आपकी लिस्ट इतनी जातिवादी क्यों है, सिर्फ यादव अफसरों का ब्यौरा क्यों, हर जाति का हिसाब दीजिए। एक जाति की लिस्ट जारी करना बंद कीजिए। सभी जातियों को समान नज़र से देखिए।
आपकी पार्टी के अध्यक्ष पर यूँ भी आरोप है RSS का कि वे "मुल्ला मुलायम" हैं, तो लगे हाथों यह भी बता दीजिए कि मुसलमानों पर आपकी सरकार ने कितने बड़े पद लुटा दिए !
जो कम खा रहा है, उसका हिसाब आपने दे दिया। अब लगे हाथों उनका हिसाब भी दे दीजिए जो ज्यादा खा रहे हैं।जब यूपी के
राज्यपाल महोदय ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वे "शासन प्रशासन में एक जाति के वर्चस्व से चिंतित हैं" तो उनका इशारा यादवों की तरफ़ नहीं था। आप को लगा कि यादवों की बात हो रही है और आप यादव अफ़सरों का आँकड़ा ले आए। समाजवादी पार्टी के द्वारा सिर्फ यादव अफ़सरों का आँकड़ा जारी करना भेदभावपूर्ण है।
यह सरासर "यादववाद" है।
सारी जातियों के अफसरों के आँकडे दीजिए। पता चल जाएगा कि महामहिम राज्यपाल किस जाति या जातियों के शासन प्रशासन में वर्चस्व से चिंतित हैं।
यूपी के 53 प्रमुख सचिवों में सिर्फ 01 यादव है, तो यह भी तो बताएँ कि वह कौन है जो आपके शासन में ऊँचे पदों की मलाई खा रहा है।
यूपी में SSP यानी सीनियर एसपी रैंक के ऊपर के 73 अफसरों में सिर्फ 01 यादव हैं तो यह बताएं कि बाकी 72 अफसर कौन हैं?
राज्यपाल साहब यही तो जानना चाहते हैं कि किसका वर्चस्व है और आपने यादववाद करते हुए सिर्फ यादव अफसरों की लिस्ट जारी कर दी।
उत्तर की प्रतीक्षा रहेगी।
सादर,
दिलीप मंडल
अर्श संतोष की कलम से ......
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