मक्का. सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का के मीना में हज के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 310 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। 500 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। सऊदी में गुरुवार को बकरीद (ईद उल जुहा) मनाई जा रही है। गुरुवार को ही हज का आखिरी दिन भी है। इस दिन शैतान को पत्थर मारने की रस्म भी पूरी की गई। इस वजह से बड़ी संख्या में लोग मीना में जमा थे।
कैसे मची भगदड़?
अल जजीरा चैनल के मुताबिक, हादसा मीना के 204 स्ट्रीट पर करीब 10.00 बजे (लोकल टाइम) हुआ। यह स्ट्रीट हाजियों के लिए बनाए गए कैंप्स के पास है। यहां हाजियों का एक ग्रुप बैठा हुआ था। इसी बीच दूसरा ग्रुप वहां पहुंचा। दूसरे ग्रुप के कुछ हाजी पहले से बैठे लोगों पर चढ़ गए। जिसके बाद भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे और कुछ ही मिनट में वहां लाशें ही लाशें बिछ गईं।
किंग कर रहे हैं इंतजामों की निगरानी
सऊदी की सरकारी मीडिया के मुताबिक, किंग सलमान बुधवार से मक्का में ही हैं। वे हज यात्रा के इंतजाम की निगरानी के लिए गए थे। गुरुवार को हुए हादसे के तुरंत बाद उन्होंने राहत और बचाव का काम शुरू कराया। सरकार ने 4000 से ज्यादा लोगों को इस काम में लगाया। मौके पर 220 से ज्यादा एंबुलेंस बुलवा कर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।
* Helpline nos: 00966125458000, 00966125496000
कुछ दिन पहले भी सौ लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि हज की यात्रा का आज आखिरी दिन था। इस बार करीब 20 लाख हज यात्री पहुंचे हैं। 18 सितंबर को मक्का के अल-हरम मस्जिद में क्रेन गिरने से हादसा हो गया था। इसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
पहले भी हो चुका है हादसा
2006 में 12 जनवरी को भी शैतान को पत्थर मारने की घटना के दौरान भगदड़ मची थी जिसमें 400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। बता दें कि मक्का के बाहरी इलाके मीना में शैतान को पत्थर मारने का रिवाज है। इस दौरान हज यात्री तीन पत्थर शैतान को मारते हैं।
क्यों मारा जाता है पत्थर?
मक्का में पत्थर मारना शैतान के विरोध का प्रतीक है। शैतान का प्रतीक तीन विशाल खंभों के रूप में मौजूद है। यह हज यात्री कंकड़ इकट्ठा करते हैं और उन्हें खंभों पर मारते हैं। ऐसा माना जाता है कि शैतान सबसे पहले अब्राहम, उनकी पत्नी हेगर और पुत्र इशामल के सामने उपस्थित हुआ था।
मक्का में पत्थर मारना शैतान के विरोध का प्रतीक है। शैतान का प्रतीक तीन विशाल खंभों के रूप में मौजूद है। यह हज यात्री कंकड़ इकट्ठा करते हैं और उन्हें खंभों पर मारते हैं। ऐसा माना जाता है कि शैतान सबसे पहले अब्राहम, उनकी पत्नी हेगर और पुत्र इशामल के सामने उपस्थित हुआ था।
मक्का में कब-कब हुए हादसे
तारीख | कितनी मौतें |
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2 जुलाई, 1990 | पैदल चलने के लिए बनी एक टनल में भगदड़ में 1,426 लोगों की मौत। |
23 मई, 1994 | शैतान को पत्थर मारने के दौरान 270 की मौत। |
9 अप्रैल, 1998 | जमारात ब्रिज पर भगदड़ में 118 की मौत और 180 घायल। |
5 मार्च, 2001 | शैतान को पत्थर मारने के दौरान 35 लोगों की मौत। |
11 फरवरी, 2003 | शैतान को पत्थर मारने के दौरान 14 श्रद्धालुओं की मौत। |
1 फरवरी, 2004 | शैतान को पत्थर मारने के दौरान मची भगदड़। 251 की मौत, 244 घायल। |
12 जनवरी, 2006 |
भगदड़ में 340 लोगों की मौत और 290 घायल।
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हज को लेकर क्या है सुरक्षा के इंतजाम?
> 1.1 लाख लोगों को तैनात किया गया है।
> 5000 कैमरे लगाए गए हैं, ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
> 1.50 लाख लोग भारत से हज करने के लिए गए हैं, किसी देश से सबसे ज्यादा।
> 1.1 लाख लोगों को तैनात किया गया है।
> 5000 कैमरे लगाए गए हैं, ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
> 1.50 लाख लोग भारत से हज करने के लिए गए हैं, किसी देश से सबसे ज्यादा।
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