प्रिय मोदी जी,
अभी खबर पढ़ी कि उद्योगपति मुकेश अम्बानी की पत्नी को अर्ध सैनिक बल सीआरपीएफ के जवानों द्वारा सुरक्षा दी जायेगी
मेरे मन में मुकेश अम्बानी की पत्नी के प्रति अनादर का कोई भाव नहीं है लेकिन कुछ बुनियादी सवाल मन में ज़रूर उठ रहे हैं
इन सवालों को इस खुले पत्र के द्वारा आपके और देशवासियों के सामने रख रहा हूँ
देश की प्रत्येक महिला को सुरक्षा की उतनी ही ज़रूरत है जितनी मुकेश अम्बानी की पत्नी को है
मुकेश अम्बानी की विशेषता सिर्फ यही है कि उनके पास बहुत सारा पैसा है
अम्बानी नें यह पैसा देश की जनता के संसाधनों पर सरकार की मदद से कब्ज़ा करके और देश के मजदूरों की मेहनत के बल पर इकठ्ठा किया है
सीआरपीएफ केन्द्र सरकार यानी आपके अंतर्गत काम करती है
छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में यही सीआरपीएफ आदिवासियों की ज़मीनों पर कब्ज़ा करने के लिए भेजी गयी है
बस्तर में यही सीआरपीएफ आदिवासी महिलाओं से बलात्कार कर रही है
इसी साल सीआरपीएफ नें पेद्दागेलूर गाँव में चालीस आदिवासी महिलाओं से बलात्कार किया
इसके कुछ ही दिनों बाद सुकमा के पेद्दपारा में छह महिलाओं के साथ इसी सीआरपीएफ नें बलात्कार् किये और आदिवासी महिलाओं के स्तन निचोड़ कर उनके शादी शुदा होने की जांच करी थी
इसके दो ही दिन बाद वेल्लम नेंद्रा गाँव में इसी सीआरपीएफ नें बारह आदिवासी महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किये
इन सभी मामलों में सोनी सोरी और मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली महिलाओं नें संघर्ष कर के एफआइआर दर्ज करवा दी
लेकिन चार महीनें बाद भी आज तक एक भी सीआरपीएफ के एक भी सिपाही की गिरफ्तारी नहीं हुई है
इन बलात्कारी सिपाहियों को बचाने के लिए भाजपा की राज्य सरकार और आपकी केन्द्र सरकार नें अपनी पूरी ताकत लगा दी है
अलबत्ता बलात्कार पीड़ित महिलाओं की मदद करने के गुनाह की सज़ा के तौर पर दोनों महिला वकीलों को पुलिस नें आतंकित करके बस्तर छोड़ने पर मजबूर कर दिया
और इन पीड़ित आदिवासी महिलाओं की मदद करने की जुर्रत करने की सज़ा के तौर पर पुलिस ने सोनी सोरी का चेहरा तेज़ाब से जला दिया
एक ही सीआरपीएफ एक महिला अमीर अम्बानी की पत्नी को सुरक्षा देगी
और वही सीआरपीएफ बस्तर में आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार करेगी
लेकिन यह सीआरपीएफ की गलती नहीं है
यह सीआरपीएफ को आदेश देने वालों की गलती है
क्योंकि अगर सीआरपीएफ बलात्कारी होती तो आप उसे मुकेश अम्बानी की पत्नी की सुरक्षा की जिम्मेदारी कतई ना देते
आपको पता है कि सीआरपीएफ को किस महिला के साथ क्या बर्ताव करने का आदेश देना है
तो सीआरपीएफ को आदिवासियों पर हमला करने , आदिवासियों की ज़मीनें छीनने और उद्योगपतियों की रक्षा करने के काम पर लगा दिया गया है
मुझे नहीं लगता कि मैं आपको बताऊँ कि असल में सीआरपीएफ आम जनता के टैक्स के पैसों से चलती है
आपको यह भी मालूम होगा कि सीआरपीएफ की पहली जिम्मेदारी उन् आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा करने की है
आपको यह भी मालूम होगा कि आप सीआरपीएफ को जिस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं वह संविधान के खिलाफ़ है , वह कानून के खिलाफ़ है , वह लोकतंत्र के विरुद्ध है
हो सकता है आप और आपके भक्तगण मेरे इस पत्र में लिखी बातों का माखौल उडाएं
क्योंकि शायद संविधान, कानून और लोकतंत्र जैसी बातों का आपके लिए कोई महत्व ना हो
लेकिन यह बातें इस देश के करोड़ों लोगों के लिए यह जीने मरने से जुड़ी हुई है
हम जानते है कि आप करोड़ों लोगों के जीने मरने से जुड़े सवालों से देश का ध्यान हटाने के लिए गाय , भारत माता , और मुसलमानों के फर्ज़ी मुद्दे हवा में उछालते रहते हैं
लेकिन हम असली मुद्दों से आपको देश का ध्यान भटकाने नहीं देंगे
हम सीआरपीएफ को अमीरों की रक्षा और गरीबों पर हमला करने नहीं देंगे
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