विवार को राजराजेश्वरी मंदिर में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर वोट बटोरने वाले भाजपाइयों ने जनता के साथ कुठाराघात किया है। अब वह मंदिर को मुद्दा ही नहीं मानते। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आते ही हम संत ही अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बनवाएंगे। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा की साईं और शनि की पूजा नहीं होनी चाहिए और ऐसा होने के कारण सूखे जैसी स्थिति आ रही है। और उन्होंने आगे कहा कि BJP की केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार है इसके बावजूद भी गोहत्या कम होने के बजाय बढ़ी हैं। गायों की नस्लें बिगाड़ी जा रही हैं। अमर उजाला के मुताबिक बीफ निर्यात भी BJP सरकार में बढ़ा है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर परहार करते हुए कहा है की केंद्र सरकार कश्मीर का मुद्दा हल करे। वहां अधिक से अधिक पंडित बसाए। जो पंजाबी वहां रहते हैं, उनको नागरिकता दे। शंकराचार्य के अनुसार अंग्रेजों के राज में स्कूलों में गीता और रामायण पढ़ाई जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अपराध का बोध होने पर ही अपराध खत्म हो सकता है। उन्होंने कहा कि श्रीश्री रविशंकर को प्रधानमंत्री भारतीय संस्कृति का प्रचारक बता रहे हैं। अब ऐसे धर्माचारी भी हमारे ऊपर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी मंदिर में जाने से महिलाओं को नहीं रोका जाता, लेकिन अभिमान के चलते कुछ महिलाओं ने इसको मुद्दा बना लिया है। धर्म की अज्ञानता के कारण ही कॉलेजों में कन्हैया जैसे लोग पैदा हो रहे हैं ।सनातन धर्म को बचाने के लिए चारों पीठ जनता को जगाने का काम कर रही हैं। जब तक मुस्लिमों की तरह स्कूल कॉलेजों में श्रीमद्भागवत और रामायण को विषय के रूप में नहीं पढ़ाया जाएगा, तब तक हमारी युवा पीढ़ी पूर्ण रूप से धर्म का ज्ञान नहीं कर पाएगी। श्रीमद्भागवत में स्पष्ट है कि सनातन धर्म से ही संसार की रचना हुई है। सनातन धर्म के बाद बौद्ध धर्म आया। इसके बाद मुसलमान, अंग्रेज, ईसाई सभी ने सनातन धर्म के खिलाफ कार्य किया। लेकिन, वह सनातन धर्म को नष्ट करने में सफल नहीं हो सके। अब भी कुछ लोग जो मुस्लिम साईं को भगवान मानकर मंदिर बनवा रहे हैं, उनका भी सीधा काम सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाना है।
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