Hot News
Loading...

"निजी उपलब्धि " को देशभक्ति से कैसे जोड़ सकते है...??

किसी व्यक्ति की "निजी उपलब्धि " को देशभक्ति से कैसे जोड़ सकते है...??.....सचिन तेंदुलकर या अमिताभ बच्चन जैसे प्रतिभाशाली लोगो ने निसंदेह विश्व में देश का सम्मान बढाया ,.इसमें कोई दो मत नही ,..लेकिन इन्होने अभिनय या क्रिकेट की शुरुवात " देश प्रेम" की भावना से ओत प्रोत हो कर की थी इस बात पे मुझे संशय है | सचिन ने जब 4 साल की उम्र में बल्ला थामा या अमिताभ ने मुंबई आकर फिल्मो में काम पाने स्टूडियो के चक्कर लगाने शुरू किये तो मुझे इसमें .." देश सेवा "... का जज्बा नही अपनी रूचि के लिए समर्पण ज्यादा दिखता है |आप मुझसे असहमत हो सकते है | मेरे हिसाब से क्रिकेट और फिल्म इनके गहरी रूचि का विषय था न की देशप्रेम.|...इन्होने पूरी तन्मयता से अपने क्षेत्र में अनथक परिश्रम किया और अद्भुत उदाहरण पेश करते हुए सफलता के माउंट एवेरेस्ट पर पहुंचे..|. मैं फिर दोहराना चाहती हूँ.,.....निसंदेह हम उनकी काबिलियत की इज़्ज़त करते है .....लेकिन इनकी निजी उपलब्धि को '" देशभक्ति" और 'देशसेवा" जैसे कीमती और त्यागी शब्दों से जुड़ने में अभी लंबा सफ़र तय करना होगा .| 

सचिन तेंदुलकर और अमिताभ बच्चन बेहद शालीन , गंभीर , व्यवहारिक बुद्धि के व्यवसायिक सफल इंसान है | उनके निकट के मित्र अनिल अम्बानी के n.g.o. को भी ये दोनों सपोर्ट कर रहे है जिसमे सचिन ने एक गाँव में बिजली की व्यवस्था का जिम्मा अनिल अम्बानी के साथ लिया है | सचिन कांग्रेस के महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य है | राज्यसभा सदस्य की 50000 rs प्रतिमाह वेतन और 15000 प्रतिमाह कार्यालय के रख रखाव के लिए अलग से | अभी कुछ दिनों पहले राज्यसभा ने लिस्ट जारी की है जिसमे पिछले 4 सालो में सचिन को जब न्यूनतम हाजरी होने से सदस्यता खत्म होने का नोटिस दिया तब वो एक दिन के लिए वहाँ पहुंचे | अपने क्षेत्र में खर्च किये जाने के लिए राज्यसभा सदस्यों को जो 60 लाख सरकारी फण्ड जनकल्याण के लिए दिए जाते है उसमे से सचिन द्वारा क्षीण अंश ही की निकासी हुई | सचिन का कार्यकाल मात्र एक वर्ष रह गया है .| पिछले वर्षो से महाराष्ट्र में भीषण सूखा देखते हुए भी उन्हें उस राशि को निकाल जन कल्याण में लगाने की फुरसत नही मिली जो एक मनोनीत सदस्य को अपने क्षेत्र में जनता पे खर्च करने मिलती है |एक कृषि प्रधान देश जहाँ जय जवान जय किसान के नारों से आकाश गुंजायमान है ,आज उस देश के अन्नदाताओ की टूटती साँसों को हम सबको मिलकर सम्हालने की जरुरत है | 

निश्चित रूप से सचिन एक व्यस्त क्रिकेटर , सफल होटल व्यसायी और विभिन्न कम्पनियो के लोकप्रिय ब्रांड अम्बेसडर और पेड कोच है ,आज रिटायरमेंट के बाद भी | राज्यसभा सदस्य के लिए चुना जाना एक सम्मान होता है | देश आपको देश से जुडी समस्याओं के प्रति जागरूक , दायित्व के लिए जिम्मेदार और काबिल नागरिक समझता है ,आप पे भरोसा करता है के आप अपनी ऊर्जा , हुनर और कीमती वक़्त का कुछ हिस्सा राज्यसभा सदस्य के रूप में देश को समर्पित करेंगे | मुझे लगता है के यदि वो अपने कार्यक्रमों में व्यस्त रहते है तो इस सदस्यता के लिए नम्रता से मना कर देते तो बेहतर होता | हर सफल व्यक्ति को देशभक्त का तमगा पहनाना गलत होगा.|..यदि कामयाब लोग अपनी अद्भुत योग्यता को किसी भी तरह से देश सेवा कर सार्वजनिक जीवन में एक मिसाल पेश करते तब वो देशभक्त कहलाने के सचमुच हक़दार है |.........अच्छे कामो की खुशबु धीरे धीरे ही सही फ़ैलती तो जरुर है |

...एक बेहद साधारण से चेहरे वाले असाधारण इंसान ..".नाना पाटेकर " ....जिनका नाम लेते ही उनके चेहरे से पहले जो डायलाग याद आता है..."ये हिन्दू का खून ये मुसलमान का खून " just kidding.............. अभिनय के क्षेत्र में वो किसी महानायक से कम नही ...लेकिन अभी जिस नेक कार्य से वो चर्चा में आये है वो अद्भुत और अविश्वसनीय है ...|.. उन्होंने अपने अकेले के दम पर 5000 से अधिक ऐसे किसान परिवारों को अपने घर से 15000 रूपये आर्थिक सहायता की जिनके किसान मुखिया ने सूखे से व्याकुल हो आत्महत्या कर ली .|...आप में से शायद कुछ लोगो ने न्यूज़ में देखा हो..नाना जब मृतक किसान परिवारों को चेक वितरण कर रहे थे ,.कुछ युवा लडको का समूह मोबाइल पे उनकी चेक देती फोटोज लेने लगा..| नाना उन्हें खदेड़ते हुए बिलकुल नाना वाले अंदाज़ में बिफर पड़े .....यहाँ फंक्शन हो रहा है क्या......? ?........ये 5000 लोगो की मय्यत है और तुम जैसे लोग फोटोज ले रहे हो .| . मुझे उनकी तिरंगा वाली सरफिरा, अक्खड़ , सनकी अदा देख हंसी छुट गयी...लेकिन अगले पांच मिनट में स्टेज पर जो हुआ हर देखने वाले की आँखे नम हो गयी |..बेहद कम उम्र की 19 या 20 साल की नाज़ुक , गरीब किसान की ग्रामीण विधवा कापते हाथो से चेक लेते हुए खुद को सम्हाल न पायी..| चेक पकड़ते ही स्टेज पे रोते हुए कांपने लगी |...पितातुल्य हिम्मत बंधाते नाना खुद भी भावुक हो गए...| हज़ारो किसान परिवार जिन्होंने सूखे से अपने घर के मुखिया को खोया और भुखमरी के कगार पर खड़े है |

एक किसान की आपबीती से दिल दहल गया ..जो 30 km वापस अपने गाव पैदल जाने वाला था जिसके पास बस किराए के 30 रुपए न थे...|..नाना ने अपनी जमा पूंजी से 15000 -15000 rs का चेक प्रत्येक परिवार को स्टेज पर ना बुला उस सभा गृह में उन 5000 सीट्स पर जा दोनों हाथो से झुक कर नम आँखों से विधवाओ .,बच्चो ..पिता और उन माताओं को वितरित किये | अपने जीवन की सम्पूर्ण जमा पूंजी का दान कर नाना को समझ आया के समस्या उनके अनुमान और आर्थिक हैसियत से ज्यादा विकराल है |. एकला चलो रे से शुरू हुआ ये सफर धीरे धीरे ..." नाम "... संस्था के रूप में सामने आया है । यहाँ एक नाम "अक्षय कुमार" का जोड़ना जरुरी है जो तुरंत एक करोड़ दान करने वाले पहले फिल्मी कलाकार है.| "नाम" नाना द्वारा शुरू की गयी सूखा पीड़ित किसानो के लिए आरम्भ की हुई गैर सरकारी संस्था है | .मैंने अभी अभी न्यूज़ में नाना को जमीन पर बैठ बेहद साधारण से अपने घर से अपील करते देखा...कोई किसान आत्महत्या ना करे मेरे घर की आखरी पाई भी दान कर दूंगा ,मेरी आंखरी सांस तक मैं किसानो के साथ हूँ । आप मेरे पास आ जाओ । मैं आपकी सहायता कर कोई अहसान नही कर रहा | ये मेरा देश है और आप किसानो का देश पे बहुत क़र्ज़ है |मैं तो कुछ अंश लौटाने की कोशिश कर रहा हूँ | देशवासियों को भी ग्लास में आधा पानी पीने के बाद आधा फेकते समय जरुर सोचना चाहिए की इस आधे ग्लास पानी के लिए आपके ही देश के एक हिस्से में लोग जान दे और जान ले रहे है | लोग एक मटकी पानी के लिए 10 किलोमीटर की दूरी तय कर घन्टो की लाइन लगा रहे है । स्थिति की भयानकता को समझिये और सम्हलिये | सिर्फ पिछले 6 माह में 5000 किसानो ने आत्महत्या कर ली | ये सूखा ,अकाल अंतिम सेफ्टी सायरन है |

ग्लैमर की दुनिया को छोड़, सुदूर बंज़र खेतो में लाचारी का मातम मनाते परिवारों में, आशा का पानी ले पहुँचे इस हरफनमौला फ़कीर महानायक की सुविधाहीन भटकन को दिल से सलाम....आपसे भी गुजारिश है कम से कम उनके जज्बे की खबर दूर दूर तक फैलाइए..


MADHU ; writer at film association MUMBAI
Share on Google Plus

About Unknown

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.
    Blogger Comment
    Facebook Comment