मुंबई. अश्लीलता फैलाने व दहेज प्रताड़ना के विवादों में घिरी राधे मां पर अब बॉम्बे हाईकोर्ट में सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप लगे है। साथ ही दावा किया गया है कि राधे मां लड़के-लड़कियों को गुमराह कर आशीर्वाद देने के नाम पर पर्सनल रूम में ले जाती है और सेक्स के लिए मजबूर करती है। सोमवार को जज वीएम कानडे व जज शालिनी फनसालकर जोशी की बेंच ने इन आरोपों को जानने के बाद सरकार को विस्तार से एफिडेविट दायर करने का ऑर्डर दिया है। जजों की बेंच ने यह ऑर्डर वकील फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में पुलिस के ढीले रवैये को भी निशाने पर लिया गया है।
सुनवाई के दौरान भट्ट ने कहा कि कई जानी-मानी-हस्तियां राधे मां के दरबार में जाती हैं। राधे मां के प्रचार करने के लिए एजेंट नियुक्त किए गए हैं। माता की चौकी के नाम पर कई गड़बड़ियां होती हैं। जिस ट्रस्ट के नाम पर दान लिया जाता है वह ट्रस्ट रजिस्टर नहीं है। एक तरह से धर्म के नाम पर सेक्स रैकेट चलता है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने सिर्फ अब तक उनका बयान दर्ज किया है। उनकी शिकायत का संज्ञान तक नहीं लिया है। इसिलिए मामले के हर पहलू की जांच होनी चाहिए।
इससे पहले सरकारी वकील ने इस मामले में दो पन्ने की रिपोर्ट पेश की। इसके साथ ही कहा कि अभी मामले की जांच जारी है। रिपोर्ट को देखने के बाद जजों की बेंच ने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट दायर करने का कोई अर्थ नहीं है। सरकार मामले में विस्तार से एफिडेविट दायर करे। बेंच ने फिलहाल मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है।
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