अगर कोई महिला या लड़की किसी लड़के या पुरुष से स्वयं की मर्जी से दोस्ती करती है या उनके साथ लम्बे समय से सम्बन्ध रख रही है तो उस महिला को अपनी इज्जत एवं अपनी मान मर्यादा की रक्षा स्वयं करनी चाहिए। यह कहना है हिमाचल हाई कोर्ट का। कोर्ट ने यह भी कहा कि महिला से यह अपेक्षा नहीं है की वह स्वयं को अपने साथी पर न्योछावर कर दे। कोर्ट ने यह बात उस वक्त कही जब एक शादी शुदा एवं रेप के आरोपी व्यक्ति की जमानत पर सुनवाई चल रही थी।
एक महिला से रेप के आरोपी बलदेव राज की जमानत याचिका मंजूर करते हुए कोर्ट ने कहा की यह मामला देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि महिला और आरोपी दोनों एक दूसरे से अंजान नहीं थे, साथ ही दस्तावेज भी इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि दोनों का रिश्ता दोस्ती से बढ़कर था।
क्या था पूरा मामला
शादीशुदा बलदेव राज पर एक बच्चे की माँ और बिधवा महिला ने यह कहते हुए आरोप लगाया था कि बलदेव ने उसे शादी का झांसा देकर उनके साथ करीब डेढ़ साल तक रेप किया। अदालत ने जब मामले की छानबीन की तो उन्हें ऐसा लगा कि यह मामला दोनों के बीच ख़राब रिश्ते का था ना कि रेप का।
क्या फैसला दिया जज ने
इस मामले में आरोपी बलदेव राज की जमानत याचिका मंजूर करते हुए हाई कोर्ट के जज चौहान ने कहा कि ‘जब पीड़िता यह जानती थी कि पुरुष शादीशुदा है तो उसे अपना ख्याल खुद ही रखना चाहिए था। उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाने से पहले महिला को खुद ही सोचना चाहिए था।
कोर्ट ने यह भी कहा कि ‘पुरुषों की भी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह ना तो किसी महिला का शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए उत्पीड़न करें और ना ही शारीरिक सम्बन्ध बनाने के बाद उन्हें परेशान करें। लेकिन महिला की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह स्वयं की देखभाल करें, अपनी इज्जत की रक्षा करें, किसी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने से पहले सोच विचार कर लें।
बता दें कि एक बच्चे की माँ और बिधवा महिला ने बलदेव राज पर 20 जुलाई 2015 को छोटा शिमला पुलिस ठाणे में रेप की शिकायत दर्ज कराई थी।
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