इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अखिलेश सरकार को बड़ा झटका दिया है। उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में तैनात 1.70 लाख शिक्षामित्र टीचरों का समायोजन हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में शनिवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचुड़ की डिविजन बेंच ने यह आदेश दिया।�
नियुक्ति का आदेश बीएसए ने साल 2014 में जारी किया था जिसे कोर्ट ने आज रद्द कर दिया है। शिक्षामित्रों की इस भर्ती को हाईकोर्ट ने अवैध माना। हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्र टीईटी पास नहीं हैं इसलिए इनको सहायक अध्यापक के तौर पर नियुक्ति नहीं मिल सकती।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्धारित योग्यता न होने और बिना संस्तुति वाले पदों के आधार पर ये नियुक्ति रद्द कर दी है। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि सरकार को समायोजन का अधिकार नहीं है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार अब तक 133000 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बना चुकी है। हाईकोर्ट के मुताबिक नियमों में किया गया संशोधन असंवैधानिक है।
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