मॉन्गदौ (म्यांमार)। दो हजार से ज्यादा समुद्र में फंसे हुए हैं। म्यांमार ने हाल में अमेरिका के दबाव पर समुद्र में फंसे हुए 727 लोगों को बचाया है। इन्हें रकेन में अस्थायी रिफ्यूजी कैंपों में रखा गया है। लेकिन इन्हें यहां दो वक्त का खाना तो दूर पानी तक नहीं दिया जा रहा है। गुरुवार को जब बारिश हुई तो बरसाती पानी पीकर इन्होंने अपनी प्यास बुझाई।
समुद्र में ले रखी है शरण
दरअसल, म्यांमार इन्हें अपना नागरिक नहीं मानता है। उसका कहना है कि ये बांग्लादेश से आए हैं। यहां इन पर लंबे समय से हमले हो रहे हैं। इस वजह से इन्हें थाइलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया में शरण लेनी पड़ रही है। लेकिन इनकी बढ़ती तादाद के बाद इन तीन देशों ने भी इनके प्रवेश पर रोक लगा दी है। इस वजह से समुद्र में फंसे हुए हैं।
10 लाख है इनकी आबादी
ये म्यांमार के रकेन प्रांत के मूल निवासी हैं। ये मुस्लिम हैं और म्यांमार में ब्रिटिश शासन के समय बंगाल से आए थे। म्यांमार में करीब 11 लाख रोहिंग्या मुसलमान हैं। जनरल ने. विन की सरकार ने 1982 में इन्हें म्यांमार का नागरिक मानने से इनकार कर दिया था। तब से ये बिना नागरिकता के भटक रहे हैं।
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