नया फोन लेना है, बाजार कौन जाए। ब्रांडेड कपड़ो का ट्रेंड है, पर मार्केट जाकर मोलभाव कौन करे? तो फिर क्यों न पसंदीदा चीजों की ऑनलाइन शॉपिंग कर ली जाए। कुछ ऐसी ही शॉपिंग की आदतें अब जिंदगी का हिस्सा बन रही हैं। ऑनलाइन शॉपिंग वैसे तो समय और पैसा बचाने का अच्छा तरीका है, लेकिन इसके साइट इफेक्ट भी कम नहीं हैं।
इन दिनों ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सस्ते प्रोडक्ट, बेहतर सर्विस, अच्छी क्वालिटी और ढेरों च्वॉइस होने के कारण लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग का ऐसा चस्का लगा है कि ज्यादातर लोग अक्सर घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर कर देते हैं। बायर बनने की इस सनक के कारण आपको आर्थिक रूप से नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इसलिए हमेशा शॉपिंग सोच-समझकर ही करें।
इन दिनों ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सस्ते प्रोडक्ट, बेहतर सर्विस, अच्छी क्वालिटी और ढेरों च्वॉइस होने के कारण लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग का ऐसा चस्का लगा है कि ज्यादातर लोग अक्सर घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर कर देते हैं। बायर बनने की इस सनक के कारण आपको आर्थिक रूप से नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इसलिए हमेशा शॉपिंग सोच-समझकर ही करें।
फंस सकता है पैसा
अधिकतर लोग किसी भी ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर कंपनी के प्रोडक्ट कम दामों पर उपलब्ध देखकर बिना सोचे-समझे ऑर्डर कर देते हैं। और लोकल या घटिया प्रोडक्ट डिलिवर होने पर अपना माथा पकड़ लेते हैं।
दरअसल, कई फर्जी शॉपिंग साइट का संचालन भारत के बाहर से होता है। सस्ते के चक्कर में लोग अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा गंवा देते हैं।
ऑनलाइन ट्रेडिंग के बढ़ते चलन के बीच कम रेट, बचत और बाजार के झंझट से बचने के लिए कई बार हम ऐसी साइट पर फंस जाते हैं, जो लुभावने वायदे करके ग्राहकों को फंसाती हैं। आकर्षक स्कीम देखकर हम जल्दबाजी करते हैं और आखिर में अपना ही नुकसान कर बैठते हैं।
तस्वीर का भ्रम
ओह! कितना सुंदर है। अमूमन ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर ड्रेस या शूज देखने के बाद हमारे मुंह से यही निकलता है।
हकीकत तब सामने आती है, जब प्रोडक्ट हमारे पास डिलिवर की जाती है। हकीकत सामने आने पर आप सिर्फ हाथ मलते रह जाते हैं। इसलिए तस्वीरों के भ्रम में न ही पड़ें, तो अच्छा है।
दरअसल, कई फर्जी शॉपिंग साइट का संचालन भारत के बाहर से होता है। सस्ते के चक्कर में लोग अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा गंवा देते हैं।
ऑनलाइन ट्रेडिंग के बढ़ते चलन के बीच कम रेट, बचत और बाजार के झंझट से बचने के लिए कई बार हम ऐसी साइट पर फंस जाते हैं, जो लुभावने वायदे करके ग्राहकों को फंसाती हैं। आकर्षक स्कीम देखकर हम जल्दबाजी करते हैं और आखिर में अपना ही नुकसान कर बैठते हैं।
तस्वीर का भ्रम
ओह! कितना सुंदर है। अमूमन ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर ड्रेस या शूज देखने के बाद हमारे मुंह से यही निकलता है।
हकीकत तब सामने आती है, जब प्रोडक्ट हमारे पास डिलिवर की जाती है। हकीकत सामने आने पर आप सिर्फ हाथ मलते रह जाते हैं। इसलिए तस्वीरों के भ्रम में न ही पड़ें, तो अच्छा है।
डिस्काउंट का लालच
आकर्षक विज्ञापन, बेहद कम कीमत और एक के दाम में तीन का वादा। फंसे नहीं कि आपको चूना लग गया।
ऑनलाइन शॉपिंग की दुनिया में सैंकड़ों ऐसी फर्जी साइट हैं, जो लुभावने वादे करके ठगने का काम करती हैं। बिना जानकारी के आप ऑर्डर तो कर देते हैं, लेकिन जब डिलिवरी नहीं होती या जिस सामान का ऑर्डर दिया था, उसकी जगह कुछ और ही डिलिवर कर दिया जाए, तब आपको इसका आभास होता है कि आप ठग लिए गए हैं। अगर कोई साइट ऐसा वादा या दावा करे, तो उसकी विश्वसनीयता पर जल्दी भरोसा न करें। साइट की ठीक से जांच कर लें या पॉपुलर साइट से ही शॉपिंग करें।
अच्छा तेरा बुरा तेरा
कई बार प्रोडक्ट के बारे में जो जानकारी वेबसाइट पर मौजूद होती है, डिलिवरी के समय कुछ और ही प्रोडक्ट निकल कर सामने आता है। शिकायत करने पर कंपनी यह कह कर पल्ला झाड़ लेती है कि यह तो थर्ड पार्टी की गलती है।
यानी प्रोडक्ट बेचने वाला वेंडर इसके लिए जिम्मेदार है। ऐसे में आप प्रोडक्ट कोड और वेंडर की जानकारी नोट किए बिना कोई भी प्रोडक्ट ऑर्डर न करें। नहीं तो कंपनी इसका फायदा उठाते हुए ‘अच्छा तेरा बुरा तेरा’ की थीम पर पल्ला झाड़ लेगी।
असली या नकली
आजकल असली की जगह नकली प्रोडक्ट भी थमा दिए जा रहे हंै। जानकारी के अभाव में और प्रोडक्ट वापसी के लंबे झंझट के कारण लोग इसे अपनी गलती मानकर चुप हो जाते हैं। ऐसे में शॉपिंग करते समय आप असली-नकली का ख्याल अवश्य रखें।
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ऑनलाइन शॉपिंग की दुनिया में सैंकड़ों ऐसी फर्जी साइट हैं, जो लुभावने वादे करके ठगने का काम करती हैं। बिना जानकारी के आप ऑर्डर तो कर देते हैं, लेकिन जब डिलिवरी नहीं होती या जिस सामान का ऑर्डर दिया था, उसकी जगह कुछ और ही डिलिवर कर दिया जाए, तब आपको इसका आभास होता है कि आप ठग लिए गए हैं। अगर कोई साइट ऐसा वादा या दावा करे, तो उसकी विश्वसनीयता पर जल्दी भरोसा न करें। साइट की ठीक से जांच कर लें या पॉपुलर साइट से ही शॉपिंग करें।
अच्छा तेरा बुरा तेरा
कई बार प्रोडक्ट के बारे में जो जानकारी वेबसाइट पर मौजूद होती है, डिलिवरी के समय कुछ और ही प्रोडक्ट निकल कर सामने आता है। शिकायत करने पर कंपनी यह कह कर पल्ला झाड़ लेती है कि यह तो थर्ड पार्टी की गलती है।
यानी प्रोडक्ट बेचने वाला वेंडर इसके लिए जिम्मेदार है। ऐसे में आप प्रोडक्ट कोड और वेंडर की जानकारी नोट किए बिना कोई भी प्रोडक्ट ऑर्डर न करें। नहीं तो कंपनी इसका फायदा उठाते हुए ‘अच्छा तेरा बुरा तेरा’ की थीम पर पल्ला झाड़ लेगी।
असली या नकली
आजकल असली की जगह नकली प्रोडक्ट भी थमा दिए जा रहे हंै। जानकारी के अभाव में और प्रोडक्ट वापसी के लंबे झंझट के कारण लोग इसे अपनी गलती मानकर चुप हो जाते हैं। ऐसे में शॉपिंग करते समय आप असली-नकली का ख्याल अवश्य रखें।
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