मस्तिष्क हमारे संपूर्ण शरीर का संचालन करता है। सुख-दुख, हर्ष-विषाद, दर्द-जलन व विभिन्न प्रकार की पीड़ाओं के साथ-साथ जीवन की प्रत्येक संवेदनाओं का अभिज्ञान कराता है। मस्तिष्क हमारे कार्य कौशल व बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है, किंतु यदि यही रोगों से ग्रस्त हो जाए तो सारे शरीर की क्रियाविधियां बाधित होना स्वाभाविक है।
कारण व लक्षण
सिरदर्द स्वयं कोई रोग नहीं है कितु यह कई रोगों के आगमन की चेतावनी है। सामान्यतया सिर का दर्द अत्यधिक तनाव, सर्दी लगने व अन्य अनेक कारणों से हो सकता है कितु यह समाप्त भी स्वतः ही हो जाता है, फिर भी इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
1. बादामः एक बादाम की गिरी को महीन पीसकर उसे सरसों के तेल में मिलाकर सिर पर मलने से सिर का दर्द समाप्त हो जाता है।
2. नीबूः सिरदर्द होने पर नीबू को चाय में निचोड़कर पीने से लाभ होता है। नीबू की पत्तियों को कृटकर उनका रस निकालकर सूघने से भी सिरदर्द गायब हो जाता है। जिनके सिर में हमेशा दर्द रहता है वे भी इस उपाय को आजमाएं, चमत्कारिक असर होगा।
3. तरबूजः गर्मी के कारण उत्पन्न सिरदर्द के लिए तरबूज का गूदा कपड़े से निचोड़ लें और रस को कांच के गिलास में भरकर पीएं
4. नारियलः नारियल की गिरी में मिश्री मिलाकर प्रात:काल सेवन करें। सिरदर्द हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।
5. गाजर व चुकंदर: गाजर, चुकंदर व खीरे के रस को मिलाकर पीने से सिरदर्द खत्म हो जाता है।
6. बेल: बेलपत्र का रस निकाल लें। उस रस में भिगाई पट्टियां माथे पर रखें। पुराना सिरदर्द हो तो ग्यारह बेलपत्र पीसकर रस निकालकर पी जाएं कितना भी पुराना सिरदर्द हो ठीक हो जाएगा।
7. जायफलः सर्दी लगने पर सिरदर्द हो तो ललाट पर जायफल को रगड़कर लेप करने से लाभ मिलता है।
8. अंगूरः किसी भी प्रकार के सिरदर्द में अंगूर का रस पीने से लाभ होता है।
9.सेवः प्रतिदिन खाली पेट एक सेव काटकर, नमक लगाकर चबा-चबाकर खाने से पुराना सिरदर्द दूर हो जाता है। यह प्रयोग दस दिन तक लगातार करें।
10. आवलाः आंवले को सुखाकर उसका चूर्ण बना लें। जब भी सिरदर्द हो तो दो चम्मच आंवला चूर्ण में एक चम्मच घी मिलाकर खा लें, ऊपर से एक गिलास दूध पीएं |
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