मुंबई. मोदी सरकार 10 जून से आरएसएस चीफ मोहन भागवत को Z-plus सिक्योरिटी देने जा रही है। भागवत को जो Z-plus सिक्युरिटी कवर मिलने जा रहा है, वही पीएम और प्रेसिडेंट को भी मिलता है। सूत्रों का कहना है कि भागवत कुछ आतंकी संगठनों के हिटलिस्ट में हैं और इसी कारण उन्हें Z-plus सिक्युरिटी देने का फैसला किया गया है। भागवत के लिए एक बुलेट प्रूफ बीएमडब्ल्यू कार रहेगी। इसके अलावा उनके काफिले में चार एसयूवी व्हीकल्स भी होंगे। जानकारी के मुताबिक भागवत जहां भी जाएंगे, कमांडोज की एक टीम दो दिन पहले उस स्थान का मुआयना करेगी और जरूरी सुरक्षा प्रबंध करेगी। भागवत को सीआईएसएफ के 190 कमांडो सुरक्षा देंगे।
190 लोगों की टीम
भागवत देश के पहले ऐसे गैर राजनीतिक व्यक्ति हैं जिसे इस तरह की सुरक्षा दी जा रही है। यह इसलिए और भी खास हो जाता है क्योंकि भागवत किसी संवैधानिक पद पर भी नहीं हैं। होम मिनिस्ट्री ने Z-plus सिक्योरिटी के लिए सीआईएसएफ को आदेश जारी कर दिए हैं और वह अपनी जिम्मेदारी 10 जून से संभाल लेगी।
कुछ साल पहले हुआ था आरएसएस हेडक्वार्टर पर हमला
बता दें कि साल 2006 में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा ने आरएसएस स्थित हेडक्वार्टर पर हमला किया था। एक पुलिस अफसर का कहना है कि सिक्युरिटी एजेंसीज ने भागवत की सुरक्षा के रिव्यू के दौरान इस बात को ध्यान में रखा कि वह कई आतंकी संगठनों की हिट लिस्ट में शामिल हैं। फिलहाल, महाराष्ट्र पुलिस और स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स आरएसएस हेडक्वार्टर और भागवत की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे हैं। 190 कमांडोज की टीम अब यह भार संभालेगी। इन कमांडो को एनएसजी की तर्ज पर ही ट्रेनिंग दी गई है। यह अत्याधुनिक हथियारों से लैस होने के साथ मार्शल आर्ट में भी एक्सपर्ट होते हैं।
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