भीगी पूनम, भड़का फेसबुक
आप भी अगर सर पर बर्फीला पानी डालने और उसका वीडियो बना फेसबुक पर अपलोड करने का सोच रहे हैं तो सब्र रखिए! वरना बाबा छटपटिया का बारह महीने की ईएमआई पर मिलने वाला चौबीस कैरट सोने का हनुमान लाकेट भी आपका फेसबुक एकाउंट डीएक्टिवेट होने से नहीं बचा पाएगा. पूनम के पास यही सब्र की बर्फ नहीं थी इसलिए उन्होंने आइस बकिट चैलेंज लिया, वीडियो फेसबुक-ट्विटर पर पोस्ट किया और फेसबुक ने उनका एकाउंट डीएक्टिवेट कर दिया. पूनम पांडे पर इस तरह नकेल कोई क्यों कसेगा, वजह आप इसकी जानते ही हैं. ऐसा कर फेसबुक ने खैर 21 लाख दोस्तों से पूनम को दूर कर दिया, मगर ट्विटर उन्हें हमसे दूर कब करेगा, पता नहीं! लेकिन अगर आप इस चैलेंज को करना चाहते हैं तो ठंड के मौसम में करिए. एक तो स्वेटर-जैकेट से पूरे ढंके रहेंगे तो फेसबुक पेज आपका सही-सलामत रहेगा, और दूसरे ठंड में ठंडा बर्फीला पानी सर पर डालेंगे तो लगेगा चैलेंज लिया है.
कब सिलेंगे सलमान भंसाली से अपनी फटी दोस्ती?
भंसाली के साथ सलमान का रिश्ता उतना ही इंटेंस लव-हेट का है जितना एक्स-गर्लफ्रेंड्स के साथ रहता है. सलमान ने लेटेस्ट प्रवचन दिया है कि भंसाली को काम करते वक्त जब चीखते-चिल्लाते और सहायकों पर चीजें फेंकते देखते थे, उन्हें सूरज बड़जात्या की तरह शांत रहकर फिल्म बनाने का मशवरा देते थे. बड़जात्या उनकी आने वाली फिल्म के निर्देशक हैं. भंसाली की फिल्में मक्खी भी देखने नहीं जाती जैसी बातें करने वाले सलमान ऐसा करते क्यूं हैं, जबकि उनके करियर की वह दो बहुमूल्य फिल्में जिसमें उन्होंने ‘अच्छा’ अभिनय किया है भंसाली की ही हैं. इसलिए क्योंकि भंसाली ने उन्हें भूलकर शाहरुख को देवदास में लिया और ऐश्वर्या के साथ उनके झगड़े के बाद तो काम किया, लेकिन उनके साथ नहीं किया. अब चूंकि वादा करने के बावजूद बाजीराव मस्तानी में भी उन्हें नहीं लिया, सलमान नए सिरे से भंसाली की भर्त्सना के मौके ढूंढने में ‘खाली हाथ शाम आई है’ सुनकर वक्त बिता रहे हैं.
जागो रे जागो रे जागो रे आमिर !
आमिर खान पता नहीं आजकल कौन-सी ग्रीन टी पी रहे हैं कि इतना बहक रहे हैं. पहले तो वह रानी मुखर्जी की मर्दानी की ट्विटर एटसेक्ट्रा पर तारीफ करते हैं और फिर कहते हैं कि इसे बच्चों को नहीं देखना चाहिए क्योंकि इसकी भाषा खराब है और हिंसा जोरदार है. वे सेंसर बोर्ड की कैंची भी हाथों में लेते हैं और जिन फिल्मों को परिवार-बच्चों के साथ देखने का सर्टिफिकेशन प्राप्त है, उनके कंटेंट पर सवाल उठाकर कहते हैं कि ये फिल्में अनर्थक-अजीब चीजें बच्चों को दिखाती हैं. वह ज्ञान की इस मटमैली गंगा को बहाते वक्त गजनी को भूल जाते हैं. पूरी तरह. ये सत्यमेव जयते का बुखार भी हो सकता है, या फिर हो सकता है कि आमिर की कोई फिल्म आ रही हो जिसकी टारगेट आडियंस बच्चे भी हों (पीके !). क्योंकि जब तारे जमीन पर आयी थी आमिर ने ‘ब्लैक’ में बच्चे के साथ हुई ज्यादती पर खूब झंडा बुलंद किया था. अब वही झंडा आमिर सूटकेस से वापस बाहर निकाल लाए हैं. गजब!
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