न्यूयॉर्क: अगर आप गर्भवती हैं, तो जितना हो सके तनाव से दूर रहने का प्रयास करें, क्योंकि नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि तनाव से संबंधित हॉर्मोन भ्रूण के विकास को प्रभावित करते हैं।
यह पता करने के लिए कि तनाव से संबंधित हॉर्मोन चूहों की संतति पर प्रभाव डालता है या नहीं, गर्भवती चूहिया को विभिन्न समय पर स्वाभाविक ग्लूकोकॉर्टिकॉइड कॉर्टिकोस्टेरॉन हॉर्मोन दिया गया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन गर्भवती चूहियों को तनाव हॉर्मोन दिया गया, उनकी भूख में तो बेहद बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन उनके अपरा (प्लासेंटा) से भ्रूण को मिलने वाले ग्लूकोज की मात्रा में कमी देखी गई।
अध्ययन के मुख्य लेखक ओवन वाउगन ने कहा, निष्कर्ष में इस बात का खुलासा हुआ कि मां के शरीर में मौजूद तनाव हॉर्मोन ग्लूकोकॉर्टिकॉइड भ्रूण के पोषण को नियंत्रित करता है। मां के शरीर में इस हॉर्मोन की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, अपरा से भ्रूण में ग्लूकोज का परिवहन उतना ही कम होगा, जिसका परिणाम बच्चे के वजन में कमी के रूप में सामने आएगा।
शोध में यह बात भी सामने आई कि इस हॉर्मोन की अधिकता के कारण अपरा के कुछ जिंस में विशेष परिवर्तन होता है, जिसका भ्रूण के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह अध्ययन पत्रिका 'द जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी' में प्रकाशित हुआ है।
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